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और कल्याण को बढ़ाकर एक नेता के �प म� �ि�गत िवकास का अनुभव होगा। इसके िलए कभी-कभी

                     स्वयं के िहत से अिधक संस्थान के िहत म� सोचने क� आवश्यकता होती है।

                 ञ)  उभरते �झान:  �ितभािगय�  को  िशक्षा  और  शैक्षिणक  संस्थान�  के  भिवष्य  को  सशक् त  करने  वाले उभरते
                     �झान�, नवाचार� और �ौ�ोिग�कय� क� खोज करके अपेक्षा से भी आगे रहकर कायर् करने के िलए सश�

                     बनाया जाएगा।

                 ट)  दृि�  क�  स्प�ता:  �त्येक  �ितभागी  को  एनईपी'20  के  उ�ेश्य�  के  अनु�प  अपने  संस्थान  के  िलए  िविश�
                     चुनौितय� और अवसर� के आधार पर अपने िवजन को बढ़ाने हेतु दूसर� के साथ सहयोग बढ़ाने और अपने

                     िवजन को साकार करने हेतु रणनीितय� पर िवचार-िवमशर् करने के िलए �ोत्सािहत �कया जाएगा।



           (vii) िविशष् ट रणनीितयाँ:

               क) मुख्य भाषण, अिभ�ेरणीय नेता� क� गाथाएं: व् यावसाियक उ� िशक्षा के क्षे� म� नेता और दूरदश� लोग अपने
                  अनुभव, सामना क� गई चुनौितय� और अपनाई गई रणनीितय� को साझा कर�गे �क वे सफल संस्थान नेता कैसे

                  बने। उनक� अंतदृर्ि�यां �ितभािगय� को अिभ�े�रत और �ोत् सािहत कर सकती ह�।

               ख)  पैनल  चचार्एँ:  पैनल  चचार्एं  संस्थान  नेतृत्व  के  िविभ�  पहलु�  पर  आयोिजत  क�  जाएंगी,  जैसे  रणनीितक
                  योजना, िनणर्य लेना, नवाचार को बढ़ावा देना, सकारात्मक संगठनात्मक संस्कृित का िनमार्ण करना, संसाधन

                  जुटाना और िशक्षा प�रदृश्य म� चुनौितय� का समाधान करना। स्थािपत संस्थान� के िनदेशक/अध्यक्ष, कुलपित,
                  �ाचायर् सिहत अनुभवी नेता इन चचार्� म� भाग ल�गे और अपनी िवशेषज्ञता साझा कर�गे।

               ग) केस स् ट्डी और सव��म �थाएं: सफल संस्थान� क� नेतृत्व �था� पर �काश डालते �ए, केस स्टडीज पर चचार्

                  क�  जाएगी।  ये  केस  स् टडीज  नव�वतर्नशील  दृि�कोण,  �भावी  प�रवतर्न  �बंधन,  छा�-क���त  पहल�,
                  समावेिशता एवं िविवधता और सामुदाियक जुड़ाव पर क���त ह�गे।


               घ)  कायर्शालाएँ  और  �िशक्षण  स�:  संवादात् मक  कायर्शालाएं  और  �िशक्षण  स�  शैक्षिणक  संस्थान�  से  संबंिधत
                  िविश� नेतृत्व कौशल� और दक्षता� पर आयोिजत �कए जाएंगे। िवषय� म� रणनीितक योजना, टीम-िनमार्ण,
                  संचार और िहतधारक जुड़ाव, संघषर् समाधान, डेटा-�े�रत िनणर्य लेना और संगठनात्मक प�रवतर्न का �बंधन

                  शािमल होगा।

               ड.)  सहकम�  िशक्षण  और  नेटव�क�ग  के  अवसर:  �ितभािगय�  को  अनौपचा�रक  स��,  नेटव�क�ग  �ेक  और  समूह

                  गितिविधय� के माध्यम से नेटवकर् बनाने और एक-दूसरे से सीखने के अवसर �दान �कए जाएंगे, जहां संस्थान
                  �मुख अपने अनुभव साझा कर सकते ह�, िवचार� का आदान-�दान कर सकते ह�, और संबंध बना सकते ह�।

               च)  �ि�गत िवकास और आत्म-�चंतन: कायर्�म को आत्म-�चंतन और �ि�गत िवकास के िलए समय देने हेतु

                  िडज़ाइन �कया जाएगा। बुि�मता, स् व-जाग�कता और भावनात्मक बुि�म�ा पर स� संचािलत �कए जाएंगे।
                  �ितभािगय� को उनके �ि�गत और संगठनात्मक िवकास के िलए स् व-मूल्यांकन और �ि�गत ल�य िनधार्�रत

                  करने हेतु संसाधन और उपकरण भी �दान �कए जाएंगे।

               छ)  उभरते �झान और �ौ�ोिग�कयाँ: कुछ स� िशक्षा म� भावी �झान� और िडिजटल प�रवतर्न, कृि�म बुि�म�ा,
                  �ि�गत िशक्षा और नव�वतर्नशील शैक्षिणक दृि�कोण जैसे िवषय� पर उभरती �ौ�ोिग�कय� के �भाव पर

                  चचार् करने के िलए सम�पर्त ह�गे। संस्थान के �मुख� को अि�म तौर पर सोचने और िवचार करने के िलए
                  �ोत्सािहत �कया जाएगा �क �झान उनक� नेतृत्व रणनीितय� को कैसे बढ़ा सकते ह�।
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