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�ाथिमकताएँ िनधार्�रत करने पर ध्यान क���त करना

               ख)   रणनीितक नेतृत्व िवकास: रणनीितक सोच कौशल िवकिसत करना, ज�टल चुनौितय� का िव�ेषण करना,

                     अिभनव दृि�कोण� क� खोज करना और प�रवतर्न एवं बदलाव लाने क� क्षमता बढ़ाना।

               ग)   टीम  िनमार्ण  और  िहतधारक  जुड़ाव:  टीम  नेतृत्व  और  सहयोग  कौशल  िवकिसत  करने,  एक  समावेशी
                     संगठनात्मक संस्कृित को बढ़ावा देने और िहतधारक �बंधन क्षमताएँ मजबूत बनाने पर ध्यान क���त करना।

                     यह मॉ�ूल नेता� को सामूिहक िनणर्य लेने के साथ स्वािमत्व का माहौल कैसे बनाया जाए, इसके बारे म�

                     और भी अिधक जानकारी �ाप् त करने म� सहायता करेगा।
               घ)   नेतृत्व उत्कृ�ता: इसका ल�य डेटा आधा�रत िनणर्य लेने के िलए �णािलय� का िनमार्ण करना, नेतृत्व क�

                     अगली पंि� िवकिसत करना है ।

               ड.)   िस्थरता: समुदाय के साथ �णालीगत संबंध बनाना, िव�ीय िस्थरता के िलए �णाली बनाना।


           (vi)   अपेिक्षत प�रणाम:

                 क)  दूरदश� नेतृत्व: �ितभािगय� को दूरदश� नेतृत्व के मूल मं� और संस्थान� को उत्कृ�ता �ा� करने के िलए

                     मागर्दशर्न करने म� इसक� महत्वपूणर् भूिमका क� गहन समझ �ा� होगी। �ितभािगय� को एक प�र�े�य �ा�
                     होगा जो �ि�गत उपलिब्धय� के बजाय संशोिधत संस्थागत और सामुदाियक ल�य� के महत्व पर जोर देता
                     है।

                 ख)  रणनीितक  योजना:  �ितभागी  संस्थान  के  दृि�कोण  और  उ�ेश्य�  से  मेल  खाने  वाले  ऐितहािसक  डेटा  के

                     आधार पर ठोस योजना� को तैयार करने और िनष्पा�दत करने के िलए रणनीितय� म� महारत हािसल
                     कर�गे।


                 ग)  िनणर्य लेने क� दक्षता: �ितभागी सव��म �था� को समझकर, वास्तिवक जीवन के उदाहरण� का िव�ेषण
                     करके और डेटा संचािलत दृि�कोण का लाभ उठाकर अपने िनणर्य लेने के कौशल को बढ़ाएंगे।

                  घ)  संगठनात्मक  संस्कृित:  �ितभागी  एक  सकारात्मक  और  समावेशी  संगठनात्मक  संस्कृित  िवकिसत  करने,
                     नवाचार को बढ़ावा देने और िहतधारक� के बीच सहयोग को बढ़ावा देने क� शि� के बारे म� जानकारी

                     �ाप् त कर�गे।

                 ड.) प�रवतर्न �बंधन: �ितभािगय� को सफल संगठनात्मक प�रवतर्न पहल� का नेतृत्व करने के िलए आवश्यक

                     उपकरण� और तकनीक� से प�रिचत कराया जाएगा।

                 च)  िहतधारक  जुड़ाव:  �ितभागी  छा��,  कमर्चा�रय�,  अिभभावक�  और  �ापक  समुदाय  सिहत  िविभ�

                     िहतधारक� के साथ जुड़ने और साथर्क संबंध बनाने क� कला से अवगत ह�गे।

                 छ)  संसाधन जुटाना: �ितभािगय� को संस्थान के आ�थर्क प�रदृश्य से अवगत कराया जाएगा िजसम� बंदोबस्ती
                     िनिधय�,  �भाव  िनवेश,  वीजीएफ,  पीपीपी  और  सीएसआर  जैसे  संसाधन  जुटाने  म�  उभरती  �था�  से

                     प�रिचत होना शािमल है।

                 ज)  �भावी संचार: �ितभागी �भावी संचार क� कला म� महारत हािसल कर�गे, िजससे वे दूसर� को �े�रत करने,
                     संघष� को हल करने और सहयोग बढ़ाने म� सक्षम ह�गे।


                 झ) �ि�गत िवकास और सहनशीलता: �ितभािगय� को स् व-जाग�कता, भावनात्मक बुि�म�ा, सहनशीलता
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