Page 4 - MMTTP Guidelines Hindi
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का सम� िवकास सुिनि�त करना और उन्ह� भारतीय ज्ञान �णाली (भारतीय ज्ञान परंपरा) से प�रिचत

                        कराना।
                      �कृित म� मौजूद पयार्वरण-संतुलन और जैव िविवधता के �ित जागृित पैदा करना और जीवन के िलए

                        उनक� िस्थरता को सुिनि�त करना।
                      संस्थान और रा� िनमार्ण म� स��य भागीदार के �प म� संकाय क� भूिमका सुिनि�त करना।
                      िनरंतर �ावसाियक िवकास के माध्यम से संकाय सदस्य� को आजीवन िशक्षा�थर्य� के �प म� सश�

                        बनाना।

           4. योजना का �स्तािवत प�रणाम:

                        भारतीय-क���त नैितकता  और  मानवीय  मूल्य�  के  आदश�  को  अिध�िहत  कराकर  तथा  सम� िशक्षा

                         �दान करके, सभी संकाय सदस्य� को एनईपी 2020 पर जाग�क और उन्मुख �कया जाएगा ता�क
                         भारत को वैि�क ज्ञान महाशि� बनाया जा सके।
                        िशक्षक और िशक्षाथ� भारतीय ज्ञान �णाली (भारतीय ज्ञान परंपरा) क� अवधारणा को �हण करके

                         उसे पा�चयार् म� समािहत कर�गे और भारतीय भाषा� सिहत ज्ञान क� उ�ित और िनमार्ण के िलए
                         उसे वास्तिवक जीवन म� लागू कर�गे।

                        िशक्षा�थर्य� म� 21व� शताब् दी के कौशल िवकिसत ह�गे और वे जैविविवधता एवं िस्थरता का सम्मान
                         करने वाले िवचार� को अिभनव के साथ सृिजत एवं ��यािन्वत करने हेतु �चंतनशील व् यावसाियक

                         बन�गे।
                        िशक्षाथ�  नवाचार  और  उ�िमता  के  माध्यम  से  समसामियक  समस्या�  को  हल  करने  के  िलए
                         गुणव�ापूणर् शोध कर�गे।

                        िशक्षाथ� सीखने क� ���या म� सूचना एवं संचार �ौ�ोिगक� (आईसीटी) उपकरण� को एक�कृत करने

                         क� क्षमता िवकिसत कर�गे और आजीवन स्व-�े�रत िशक्षाथ� बन�गे।
                        संकाय संस्थान, समाज और रा� िनमार्ण म� योगदान द�गे।



           कायर्�म� को इस तरह से िडज़ाइन �कया जाएगा �क उपिस्थत िशक्षक कायर्�म के औपचा�रक और अनौपचा�रक, दोन�

           माध् यम� से एनईपी 2020 क� गहन समझ के साथ चीज� को बेहतर करने के िलए अिभ�े�रत और �ोत् सािहत ह�गे।
           वास्तव म�, कई चीज� समय-सा�रणी के बाहर क� जा सकती ह�, जो वास्तव म� उपरो� प�रणाम म� योगदान द�गी। इस

           उ�ेश्य के िलए लचीले कायर्�म का उपयोग करके नवाचार और काफ� स्थानीय संसाधन� का उपयोग संभव है। �िशक्षु

           िशक्षक� को कायर्�म के दौरान आयोिजत क� गई तकनीक� (ह�ड्स-ऑन) गितिविधय� पर पठन साम�ी और अि�म �प

           से वीिडयो के �लंक भी �दए जाएंगे।

             5. एमएमटीटीसी क� संरचना:

            5.1 क. कायर्�म िनदेशक एमएमटीटीसी:

            अब  से,  एमएमटीटीसी  का  �मुख  कायर्�म  िनदेशक  होगा,  जो  मेजबान  िव�िव�ालय/संस्थान  के  व�र�  संकाय

            सदस्य� म� से होगा और िजसे संबंिधत एचईआई के �मुख �ारा शु� म� तीन साल क� अविध के िलए नािमत �कया
            जाएगा। इस अविध को उसके �दशर्न के आधार पर बढ़ाया जा सकता है। तथािप, पूवर्वत� एचआरडीसी के मौजूदा

            िनदेशक/समन्वयक/स् थायी कमर्चारी अपनी िनयुि� के समय के सेवा िनयम� और शत� पर अपनी सेवािनवृि� तक
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