Page 14 - MMTTP Guidelines Hindi
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1. शैक्षिणक वषर् 2024-25 से कम से कम 3 िवभाग� म� यूजी, पीजी और पीएचडी कायर्�म� के िलए पा�चयार् और
शैक्षिणक कैल�डर म� सामान्य स्लॉट बनाएं (�ित स�ाह 3 घंटे + हैकथॉन के िलए �ित सेमेस्टर 3 �दन + फ�ल्ड वकर्
के िलए एक वषर् म� 3 स�ाह)।
2. �ित स�ाह 3 घंटे के सामान्य स्लॉट का उपयोग िन�िलिखत के िलए �कया जा सकता है -
क. सेवा िशक्षण या उत्पाद िडज़ाइन पा��म� के एक �म का प�रचय कराने म�, पहले और दूसरे वषर् के यूजी
छा�� के िलए �त्येक छमाही म� एक, और पहले वषर् पीजी एवं पीएचडी छा�� के िलए। एचईआई मौजूदा
पा��म� को �फर से िडज़ाइन कर सकते ह� या नए पा��म बना सकते ह�। पा��म� म� कमर्-�े�रत-
अिधगम/अथार्त ल�न�ग बाइ डुइंग (�ि�गत और समूह) के मं� का अनुसरण, गितिविधय� का िनरंतर
मूल्यांकन और सहानुभूित को बढ़ावा देना तथा वास्तिवक दुिनया क� समस्या� क� खोज करने पर ध् यान
�दया जाना चािहए।
ख. तीसरे एवं चौथे वषर् के यूजी छा�� या दूसरे वषर् के पीजी छा�� या पीएच.डी. म� अि�म वष� म� छा�� क�
होनहार टीम� को �ोत्सािहत करने के िलए िविश� डोमेन पर क���त मुक् त ऐिच्छक िवषय� को पदा�पर्त करना
ता�क िवस्तृत िडज़ाइन, �ोटोटाइ�पंग और उ�मशीलता गितिविधय� को आगे बढ़ाया जा सके। पीजी एवं
पीएचडी छा�� को इस पहल म� शािमल �कए जाने का आशय न केवल शोध को संबल �दान करना है, अिपतु
वािणज् यकरण को �ोत् सािहत करना तथा अगली पीढ़ी के संकाय तैयार करना है।
3. पयर्वेक्षक कायर्�म के िलए �त् येक वषर् 25-30 संकाय सदस् य� को िचिन्हत एवं नामां�कत करना। संकाय के
इस वगर् को अिभ�े�रत एवं �ोत् सािहत �कया जाना चािहए -
क. रचनात्मक प�रवतर्न क� क्षमता बढ़ाने के िलए िवशेषज्ञ पयर्वेक्षक� के साथ छा�-दर-छा� पयर्वेक्षी स�� एवं
चचार्� म� भाग लेना।
ख. तीसरे/चौथे वषर् यूजी म� या दूसरे वषर् पीजी या पीएचडी के अि�म वष� म�, 15-20 होनहार छा� टीम�
(औसत आकार 4) क� पहचान करना और उनका सह-पयर्वेक्षण करना। टीम� को उनक� �िच के िवषय के
आधार पर िविभ� वष� और अध्ययन शाखा� के छा�� का िम�ण सुिनि�त करने के िलए �ोत्सािहत �कया
जा सकता है।
ग. सामान्य स्लॉट म� पा��म� को संचािलत करना और पहले एवं दूसरे वषर् यूजी, पहले वषर् के पीजी एवं
पीएचडी से लगभग 1,400 छा�� के िलए कमर्-�े�रत-अिधगम (ल�न�ग बाइ डुइंग) क� सुिवधा �दान करना।
4. हर साल उत्पाद िडजाइन और उ�िमता को आगे बढ़ाने के िलए 18-20 होनहार छा� टीम� को समथर्न देने के िलए
उिचत मा�ा म� नवाचार िनिध आवं�टत करना, और कमर्-�े�रत-अिधगम अथार्त ल�न�ग बाइ डुइंग का समथर्न करने
के िलए बुिनयादी ढांचे का िनमार्ण करना।
5. अित�र� संसाधन जुटाने और संकाय एवं छा�� के िलए िशक्षण के अवसर पैदा करने हेतु उ�ोग, सरकारी संगठन�
और गैर-सरकारी संगठन� जैसे स्थानीय भागीदार� क� पहचान करना।
6. कायर्�म के त् व�रत कायार्न्वयन और �गित क� िनगरानी के िलए पयार्� नेतृत्व के साथ एक अिभशासन संरचना
स् थािपत करना।